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केंद्र सरकार ने आधार की सुरक्षा और गोपनीयता पर उठाए गए सवालों को सिरे से खारिज कर दिया है। दरअसल, रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने आधार की बायोमेट्रिक विश्वसनीयता के बारे में चिंता जाहिर की है। मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि आधार सिस्टम की गड़बड़ियों की वजह से देश के उन इलाकों में बायोमेट्रिक सिस्टम सही ढंग से काम नहीं कर पाता है, जहां का मौसम या क्लाइमेट गर्म है। अब केंद्र सरकार की आईटी मिनिस्ट्री ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह बेबुनियाद और मनगढ़ंत रिपोर्ट है।
क्या कहा गया है बयान में
बयान में कहा गया है- एक रिपोर्ट में दुनिया की सबसे भरोसेमंद डिजिटल आईडी आधार के खिलाफ कई दावे किए हैं। पिछले एक दशक में एक अरब से अधिक भारतीयों ने 100 अरब से अधिक बार खुद को प्रमाणित करने के लिए आधार का उपयोग करके उस पर अपना भरोसा जताया है। रिपोर्ट में अपने दावों का समर्थन करने के लिए डेटा या रिसर्च का हवाला नहीं दिया गया है। तथ्यों का पता लगाने का कोई प्रयास नहीं किया गया है।
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सरकार की ओर से जारी बयान में आगे कहा गया कि आधार की संख्या की जानकारी भी गलत दी गई है। बयान के मुताबिक रिपोर्ट में एकमात्र संदर्भ भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की वेबसाइट का है। रिपोर्ट में गलत तरीके से जारी किए गए आधार की संख्या 1.2 बिलियन बताई गई है, हालांकि वेबसाइट प्रमुखता से अपडेट संख्याएं देती है।
डेटाबेस में उल्लंघन का मामला नहीं
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि केंद्रीकृत आधार प्रणाली में सुरक्षा, गोपनीयता संबंधी कमजोरियां हैं। इस संबंध में तथ्यात्मक जानकारियां संसद के सवालों के जवाब में बार-बार किया गया है। संसद को स्पष्ट रूप से सूचित किया गया है कि आज तक आधार डेटाबेस से कोई उल्लंघन की सूचना नहीं मिली है। इसके अलावा, संसद ने आधार प्रणाली को नियंत्रित करने वाले कानून में मजबूत गोपनीयता सुरक्षा निर्धारित की है।
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