Two interstate bus terminals will be developed in Greater Noida and what are the provisions in Master Plan 2041

[ad_1]

ग्रेटर नोएडा में मास्टर प्लान-2041 में ग्रेटर नोएडा को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का इस्तेमाल करने वाले यात्रियों के लिए ‘पहले पड़ाव’ के रूप में देखा गया है। यही कारण है कि मास्टर प्लान में आवश्यक बुनियादी ढांचे और सुविधाओं को प्राथमिकता पर रखा गया है। इसी के तहत ग्रेटर नोएडा में दो अंतरराज्यीय बस अड्डे विकसित किए जाएंगे।

ग्रेटर नोएडा की 40 लाख की आबादी को समायोजित करने में मास्टर प्लान 2041 सक्षम होगा। नए मास्टर प्लान के हिसाब से अब ग्रेटर नोएडा 71327.63 हेक्टेयर का हो जाएगा। इसमें से 53,350 हेक्टेयर शहरीकरण के आरक्षित होगा। मास्टर प्लान को लेकर आमजन अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। सारी प्रक्रिया को पूरी करते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इसे प्रदेश सरकार को भेजेगा। प्रदेश सरकार की मुहर के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का संचालन 2024 में शुरू हो जाएगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने मास्टर प्लान बनाते समय एयरपोर्ट को अपने केंद्र में रखा है। मास्टर प्लान में बताया गया है कि यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास के क्षेत्र को विकसित होने में अभी कुछ साल लगेंगे, इसलिए ग्रेटर नोएडा जेवर एयरपोर्ट से दिल्ली एवं उत्तरी भारत की ओर आने वाले यात्रियों और कार्गो के लिए पहला पड़ाव होगा।

इस क्षेत्र की लोकेशन के हिसाब से ग्रेटर नोएडा का महत्व, भूमि की तत्काल उपलब्धता और तैयार बुनियादी ढांचा निवेश के लिए बहुत ही बेहतर है। यह विदेशी पूंजी को भी आकर्षित करेगा। सावर्जनिक परिवहन को दुरुस्त किया जाएगा। मेट्रो विस्तार, सिटी बस पर जोर दिया गया है। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया गया है। इसमें इलेक्ट्रिक रिक्शा योजना भी शामिल है। योजना में पांच हेक्टेयर क्षेत्र में दो स्थानों पर अंतरराज्यीय बस टर्मिनल की स्थापना की जाएगी। तीन स्थानों पर ट्रांसपोर्ट नगर प्रस्तावित किए गए हैं।

पर्यावरण संरक्षण पर जोर

मास्टर प्लान में बताया गया है कि ग्रेटर नोएडा विकास की ओर और तेजी से अग्रसर होगा। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। पर्यावरण को संरक्षित करने पर जोर दिया जाएगा ताकि देश-विदेश के लोग जब ग्रेटर नोएडा से होकर जेवर एयरपोर्ट तक पहुंचें तो उन्हें बेहतर अहसास हो। हरित भवनों और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। पिछले मास्टर प्लान की तुलना में हरित क्षेत्रों को बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

130 मीटर चौड़ी रोड आकर्षण का केंद्र

ग्रेटर नोएडा के दक्षिण में यमुना प्राधिकरण और जेवर एयरपोर्ट को जोड़ने वाली 130 मीटर चौड़ी मुख्य सड़क के साथ 674 हेक्टेयर क्षेत्र प्रस्तावित है। इस क्षेत्र को आतिथ्य क्षेत्र, वाणिज्यिक, व्यवसाय, मनोरंजन और अन्य सहायक गतिविधियों के लिए विकसित किया जाएगा। मास्टर प्लान में इसका जिक्र किया गया है। मास्टर प्लान में मिश्रित भूमि उपयोग को प्रस्तावित किया गया है। यह शहर में नए बदलाव को प्रस्तुत करेगा।

भूमि का इस्तेमाल

श्रेणी              भूउपयोग (प्रतिशत में)

आवासीय                  24.4

औद्योगिक                 25.4

हरित क्षेत्र                  16

परिवहन                    3.2

संस्थागत                    10.4

वाणिज्यिक                  4.8

अन्य                          5.8

[ad_2]

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *