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Rajastahn Election Survey: राजस्थान में विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो गई है। ऐसे में प्रदेश के दो मुख्य दल कांग्रेस और बीजेपी ने अपने-अपने हिसाब से चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं। जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी योजनाओं के दम पर प्रदेश में सत्ता वापसी का दावा कर रहे हैं। वहीं, बीजेपी इस बार कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने का दावा ठोक रही है। इस बीच किस को जीत मिलेगी किसे हार ये तो टाइम बताएगा। हालांकि, दो महीने में बाजी पलटती दिख रही है। सर्वे में दो महीने पहले जहां बीजेपी को काफी बढ़त थी, वह अब तबसे लगभग 20 सीटें गंवा चुकी है।

टाइम्स नाउ नवभारत के नए सर्वे के अनुसार राजस्थान में चुनाव करवाए जाएं तो बीजेपी और कांग्रेस में कड़ी टक्कर नजर आ रही है। सर्वे के अनुसार राजस्थान में आज अगर चुनाव हो तो बीजेपी-कांग्रेस में बराबरी की टक्कर है। प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों पर हुए सर्वे में भाजपा को 95 से 105 सीटें तो दूसरी ओर कांग्रेस को 91 से 101 सीट मिलती नजर आ रही हैं। इसके अलावा निर्दलीय और अन्य पार्टियों को 3-6 सीट मिल सकती है। बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 73 सीटों पर जीत मिली थी वहीं कांग्रेस को 100 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।

राजस्थान चुनाव को लेकर जुलाई में भी सर्वे हुआ था। जिसमें भाजपा को 114 से 124 और कांग्रेस को 71 से 81 सीटें मिल रही थी। लेकिन सितंबर में हुए सर्वे में अब टक्कर बराबरी पर आ गई है। बता दें कि भाजपा और कांग्रेस चुनाव से पहले अंदरूनी गुटबाजी से जूझ रही है। इसको लेकर दोनों ही पार्टियों के हाईकमान लगातार राजस्थान के दौरे कर रह हैं।

राजस्थान चुनाव को लेकर इसी साल जुलाई में भी एक सर्वे की रिपोर्ट जारी की गई थी जिसमें बीजेपी को 114 से 124 और कांग्रेस को 71 से 81 सीटें मिलती हुई बताई गई थी। लेकिन सितंबर माह में जो सर्वें रिपोर्ट आज शुक्रवार को जारी की गई है उसमें बहुत बदलाव देखने को मिला। इस रिपोर्ट में कांग्रेस ने बढ़त हासिल की है और वह 71 से 81 की जगह 91 से 101 पर पहुंच गई। वहीं बीजेपी पार्टी जुलाई सर्वे में 114 से 124 जीत रही थी लेकिन अब 95 से 105 सीटों पर आ गई है।

राजस्थान विधानसभा के लिए चुनाव अलवर की रामगढ़ सीट छोड़कर बाकी 199 सीटों पर मतदान हुआ था। रामगढ़ सीट पर बसपा के प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह के निधन के कारण चुनाव स्थगित हो गया था। इस चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को पटखनी देते हुए 99 सीटें जीतीं। इसके साथ ही प्रदेश में हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन का रिवाज कायम रहा। भाजपा को 73, मायावती की पार्टी बसपा को छह तो अन्य को 20 सीटें मिलीं।  कांग्रेस को बहुमत के लिए 101 विधायकों की जरूरत थी। कांग्रेस ने निर्दलियों और अन्य की मदद से जरूरी आंकड़ा जुटा लिया। इसके साथ ही राज्य की सत्ता में वापसी की।

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