punjab and himachal pradesh will have most elderly peoples till 2050 – India Hindi News

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देश में बुजुर्गों की आबादी में तेजी से इजाफा हो रहा है। इसके चलते 20250 तक भारत में बूढ़ों की संख्या बच्चों से ज्यादा हो सकती है। यूनाइटेशन नेशंस फंड फॉर पॉपुलेशन एक्टिविटीज की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अप्रत्याशित तेजी से बुजुर्गों की आबादी में इजाफा हो रहा है और इस सदी के अंत तक देश में बूढ़ों की संख्या कुल आबादी के 36 फीसदी के बराबर होगी। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2010 के बाद से ही लगातार 15 साल से कम उम्र के लोगों की संख्या में कमी आ रही है। यही वजह है कि देश की औसत उम्र बढ़ रही है। एक युवा देश के तौर पर अपनी पहचान दुनिया में रखने वाले भारत के लिए यह आंकड़े चेतावनी भरे हैं। 

दक्षिण भारत के कुछ राज्यों और उत्तर भारत में हिमाचल प्रदेश एवं पंजाब जैसे राज्यों में यह संकट अधिक हो सकता है। इन राज्यों में आज भी राष्ट्रीय औसत से ज्यादा बुजुर्ग हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2036 तक यह आंकड़ा बढ़ सकता है। फिलहाल अधिक आबादी वाले यूपी और बिहार की स्थिति कमोबेश दूसरे राज्यों के मुकाबले अच्छी है। लेकिन इन राज्यों में भी 2021 से 2036 के दौरान बुजुर्गों की आबादी बढ़ेगी। साफ है कि आज के पिछड़े राज्य कहलाने वाले यूपी और बिहार जैसे इलाकों में आबादी का संतुलन ठीक बना रहेगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2046 तक देश में बुजुर्ग लोगों की आबादी यानी 60 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों की संख्या 0 से 14 साल के बच्चों के मुकाबले अधिक होगी। यही नहीं इस दौरान 15 से 59 साल के लोगों की संख्या में भी कमी आएगी। बढ़ती आबादी की चिंता के लिहाज से देखें तो यह सही स्थिति हो सकती है, लेकिन आर्थिक ग्रोथ के लिहाज से यह अच्छी स्थिति नहीं होगी। गौरतलब है कि फिलहाल भारत दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है और इसमें सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की है। जानकारों का कहना है कि 2050 तक यही युवा बुजुर्ग होंगे और अब जन्मदर कंट्रोल होने के चलते उनकी आबादी बच्चों के मुकाबले ज्यादा हो जाएगी।

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