Madhya Pradesh Pre Poll Survey Kamal Nath Vs Shivraj Singh Chouhan BJP Congress Gwalior Chambal Malwa MP Assembly Election 2023

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मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए एक बार फिर सत्ता की डगर आसान नहीं दिख रही है। चुनाव पूर्व सामने आया एक सर्वे सचमुच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं की भी मुश्किलें बढ़ाने वाला है। इस सर्वे में जहां कांग्रेस की पूर्ण बहुमत के साथ सरकार में वापसी और ग्वालियर-चंबल से लेकर मालवा तक कांग्रेस का दबदबा दिख रहा है। वहीं, भाजपा की मध्य प्रदेश की सत्ता से विदाई होती दिख रही है।

टाइम्स नाऊ और नवभारत के ताजा सर्वे के अनुसार, मध्य प्रदेश में अगर आज विधानसभा चुनाव कराए जाएं तो इस बार राज्य की कुल 230 सीटों में से बीजेपी को 102-110 सीटें, जबकि कांग्रेस को 118-128 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। यह सर्वे 20 सितंबर 2023 को किया गया है। वहींं, इससे पहले 16 जुलाई 2023 को किए गए सर्वे पर नजर डालें तो तब बीजेपी को 105-115 सीटें, जबकि कांग्रेस को 114-124 सीटें और 0-2 सीटें अन्य को मिलने का अनुमान लगाया गया था।

BJP के दांव में फंसी कांग्रेस? MP में चुनावी रणनीति बदलने का दबाव बढ़ा 

अगर 20 सितंबर वाले सर्वे में वोटिंग प्रतिशत पर नजर डालें तो इस BJP को 42.80%, जबकि विपक्ष में बैठी कांग्रेस को इस बार 43.80% और अन्य को 13.40% वोट मिलने का अनुमान है। हालांकि, भाजपा और कांग्रेस के वोट प्रतिशत में महज 1 फीसदी का मामूली अंतर दर्शाया गया है, लेकिन सीटों के हिसाब से यह अंतर काफी बड़ा फासला है। 

ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में भाजपा की हालत बहुत खराब

इस सर्वे को अगर क्षेत्रवार देखें तो ग्वालियर-चंबल से लेकर मालवा तक कांग्रेस का ही दबदबा दिख रहा है। मालवा क्षेत्र की कुल 66 सीटों में से बीजेपी को 20-24 सीटें, जबकि कांग्रेस को 41-45 सीटें और अन्य को 0-1 सीट मिलने का अनुमान है। वहीं, अगर ग्वालियर-चंबल क्षेत्र पर नजर डालें तो यहां भाजपा की स्थिति बहुत खराब दिख रही है। यहां की कुल 34 सीटों में से भाजपा को 4-8 सीटें, जबकि कांग्रेस को 26-30 सीटें और अन्य को 0 सीट मिलने का अनुमान है।

खास बात यह है कि 20 सितंबर को किए गए इस ताजा सर्वे में भाजपा जहां पहले से कमजोर हुई होती दिख रही हैं, वहीं कांग्रेस और मजबूत होकर उभर रही है। जानकारों का मानना है कि अगर यह सर्वे सच साबित हुआ तो मध्य प्रदेश में भाजपा की सत्ता से विदाई पक्की है।

भाजपा ने एमपी के सियासी समर को बनाया भीषण 

भाजपा ने इस बार अपने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते तथा पार्टी के कई अन्य सांसदों को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार के रूप में उतारकर इस सियासी जंग को भीषण बना दिया है। मंत्रियों के अलावा जिन लोकसभा सांसदों को विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दिया गया है, उनमें राकेश सिंह, गणेश सिंह, रीति पाठक और उदय प्रताप सिंह शामिल हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इंदौर-1 से चुनाव लड़ेंगे। वहीं, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को दिमनी निर्वाचन क्षेत्र से, प्रहृलाद पटेल को नरसिंहपुर से और कुलस्ते को निवास सीट से मैदान में उतारा गया है।

गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 114 सीट पर जीत दर्ज की थी, जबकि भाजपा को 109 सीट मिली थी। हालांकि, कुछ विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस सरकार गिर गई थी। मार्च 2020 में शिवराज सिंह चौहान के नए कार्यकाल के साथ भाजपा सत्ता में लौटी थी।

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