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Vande Bharat Latest News: रेलगाड़ी के पारंपरिक रूप को पीछे छोड़कर रंगीन अवतार में दौड़ रहीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के रंग को लेकर सरकार ने बड़ा खुलासा किया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साफ कर दिया है कि रेल के नारंगी रंग के पीछे कोई राजनीति नहीं है, बल्कि इसकी वजह बेहद साइंटिफिक है। साथ ही उन्होंने हाल ही में वंदे भारत एक्सप्रेस के स्लीपर वर्जन की भी झलक सोशल मीडिया पर दिखाई है।
सरकार ने क्यों चुना नारंगी?
वैष्णव ने कहा, ‘मानव आंखों के लिए, दो रंग सबसे आसानी से दिखने वाले माने जाते हैं – पीला और नारंगी। यूरोप में, लगभग 80 प्रतिशत ट्रेन या तो नारंगी होती हैं या उनमें पीले और नारंगी का संयोजन होता है।’ उन्होंने कहा, ‘सिल्वर रंग जैसे और भी कई रंग हैं, जो पीले और नारंगी जैसे चमकीले होते हैं लेकिन अगर हम मानव आंखों की दृश्यता की दृष्टि से बात करें तो ये दो (नारंगी और पीले) रंग सबसे अच्छे माने जाते हैं।’
उन्होंने कहा कि इन्हीं कारणों से विमानों और जहाजों में ब्लैक बॉक्स नारंगी रंग के होते हैं। मंत्री ने कहा, ‘यहां तक कि बचाव नौकाएं और जीवन रक्षक जैकेट भी नारंगी रंग की होती हैं जिनका इस्तेमाल राष्ट्रीय आपदा मोचन बल करता है’।
वंदे भारत का स्लीपर वर्जन
रेल मंत्री ने हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें साझा की थी, जिसमें वंदे भारत एक्सप्रेस के स्लीपर वर्जन की झलक थी। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि रेल यात्रियों के सफर को और सुखद बनाने के लिए वंदे भारत अब स्लीपर कोच के साथ आने के लिए तैयार है और 2024 के मध्य तक दुनिया के सामने आ सकती है।
हालांकि, तारीख को लेकर सरकार ने अब तक कोई खुलासा नहीं किया है। नई स्लीपर वर्जन ट्रेन और भी कई आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी। पहली ट्रेन में 857 बर्थ हो सकती हैं।
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