bjp plan madhya pradesh chunav tripura strategy cm shivraj surprised CM face bet game changer

[ad_1]

ऐप पर पढ़ें

सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मध्य प्रदेश में उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की। पहली में 39 और दूसरी में भी 39 कैंडिडेट के नाम का ऐलान किया गया है। सूबे में इसी के साथ सियासी चहलकदमियां और तेज हो गई हैं। दूसरी लिस्ट में भाजपा नेतृत्व ने कुछ ऐसे नेताओं के नाम का ऐलान किया कि पार्टी के भीतर और बाहर खुसुर-फुसुर होने लगी है। भाजपा ने दूसरी लिस्ट में चार सांसद, तीन केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के नाम का ऐलान किया है।

CM शिवराज भी हो गए हैरान!

महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के साथ मोदी सरकार के तीन केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते अब एमपी में चुनाव लड़ेंगे। वहीं सांसद राकेश सिंह, गणेश सिंह, रीति पाठक और उदय प्रताप सिंह के नाम का ऐलान भी किया गया है। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि जिन 7 सांसदों के नामों का ऐलान किया गया है उन्हें इसके बारे में पहले ही बता दिया गया था। लेकिन इसके बारे में राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कोई जानकारी नहीं दी गई। सीएम शिवराज के करीबी सूत्रों ने बताया कि लिस्ट देखकर वो आश्चर्यचकित हो गए थे। एक सूत्र ने कहा कि हमें नहीं पता कि अब अगला सीएम कौन होगा।

MP में भाजपा का त्रिपुरा वाला प्लान

रिपोर्ट में भाजपा के एक सूत्र के हवाले से बताया गया है कि नेतृत्व का यह फैसला आंतरिक कलह को देखते हुए लिया गया है। अहम पदों के लिए कई दिग्गज दावेदारी ठोंक रहे थे, ऐसे में भाजपा कई बड़े चेहरों को चुनावी मैदान में उतार रही है। सूत्र ने आगे बताया कि ऐसा ही प्लान हम लोगों ने त्रिपुरा में बनाया था। वहां माणिक साहा और प्रतिमा भौमिक दोनों को चुनावी मैदान में उतारा गया। दोनों के सपोर्टर ने यह उम्मीद की थी कि उनके नेता को सीएम बनाया जाएगा। और इसके लिए उन्होंने खूब मेहनत भी की। इससे भाजपा को फायदा मिला और सरकार बन सकी। ऐसे में मध्य प्रदेश में भी सीएम शिवराज के साथ-साथ कई दिग्गजों के नाम का ऐलान कर भाजपा ने एक बड़ा दांव चला है।

CM फेस वाला दांव क्यों गेम चेंजर?

दूसरी लिस्ट के सामने आने के बाद भाजपा में सीएम शिवराज के साथ-साथ नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और कैलाश विजयवर्गीय भी सीएम फेस के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। गौरतलब है कि बीच में केवल दो साल छोड़कर सीएम शिवराज पिछले 20 सालों से मुख्यमंत्री हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भाजपा को यह डर है कि साल 2018 वाली स्थिति दोबारा न खड़ी हो जाए। इस लिए वो केवल सीएम शिवराज के नाम पर चुनाव नहीं लड़ना चाहती है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि भाजपा का ये दांव एमपी चुनाव में गेम चेंजर साबित हो सकता है।

[ad_2]

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *