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खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू का काला पन्ना राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने खोला है। चंडीगढ़ और अमृतसर में आतंकी की संपत्तियों को एनआईए ने जब्त किया है। इसके साथ ही एजेंसी ने पन्नू को लेकर तैयार डोजियर में खुलासा किया है कि वह भारत के टुकड़े-टुकड़े की हसरत रखता है और चाहता है कि कई अलग मुल्क तैयार हो जाएं। खालिस्तान की मांग करने वाले पन्नू का इरादा है कि कश्मीर अलग हो जाए और मुस्लिमों के लिए एक अलग देश तैयार हो। एजेंसी के मुताबिक वह अपने ऑडियो संदेशों में बेहद आपत्तिजनक भाषा में बात करता है और देश की अखंडता को ही चुनौती देता है। इसके अलावा वह इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंडा फहराने पर ढाई मिलियन डॉलर का इनाम तक घोषित कर चुका है।
एनआईए की वॉन्टेड लिस्ट में गुरपतवंत सिंह पन्नू 2019 से ही शामिल है। उसके खिलाफ पंजाब समेत देश के कई हिसों में नफरत और आतंकवाद फैलाने के मामलों में केस दर्ज हैं। जांच में यह बात भी सामने आई है कि पन्नू का संगठन सिख्स फॉर जस्टिस इंटरनेट के माध्यम से सिख युवाओं को कट्टरता की ओर धकेलने की कोशिश करता है। यह संगठन लोगों को उकसाता है कि वे स्वतंत्र खालिस्तान राष्ट्र के लिए संघर्ष करें। इस संगठन को भी 2019 में ही भारत सरकार ने बैन कर दिया था। गृह मंत्रालय ने 2020 में पन्नू को आतंकी घोषित कर दिया था, लेकिन इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी नहीं किया था।
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कनाडा से खालिस्तान पर पैदा हुए तनाव के बीच गुरपतवंत सिंह पन्नू पर सरकार ऐक्शन मोड में आ गई है। कभी अमेरिका तो कभी कनाडा में बैठकर धमकियां देने वाले पन्नू की संपत्तियों को जब्त किया गया है। इसके आगे भी एनआईए ऐक्शन प्लान तैयार कर रही है और इसके लिए 5 और 6 अक्टूबर को मीटिंग करने वाली है। माना जा रहा है कि खालिस्तान पर ऐक्शन के लिए इसमें तैयारी होगी। कनाडा से लेकर भारत तक सक्रिय खालिस्तानी तत्वों की लिस्ट भी तैयार होगी।
मुस्लिमों को अलग देश के लिए उकसावा, नाम भी सुझाया
पन्नू की बात करें तो उसका जन्म पाकिस्तान के खानकोट में हुआ था। पन्नू के पैरेंट्स अब इस दुनिया में नहीं हैं, जबकि भाई मगवंत सिंह भी विदेश में ही रहता है। पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री लेने वाला पन्नू खूंखार आतंकी है और वह कई बार हमले तक का प्लान बना चुका है। वह सिखों के अलावा मुस्लिमों को भी उकसाता है कि वे अलग राष्ट्र की मांग करें। यही नहीं इसके लिए वह ‘डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ उर्दुस्तान’ नाम भी सुझाता है। गुरपतवंत सिंह के खिलाफ हिमाचल, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड में केस दर्ज हैं।
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